Premchand Quotes In Hindi – 40+ अनमोल प्रेमचंद के उद्धरण!
नमस्कार दोस्तों! इस लेख में हम आपके लिए Premchand Quotes in Hindi लेकर आए हैं। हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद का नाम प्रमुख साहित्यकारों में शुमार है। उनकी लेखनी आज भी समाज और मानवता के मूल्यों पर गहरी छाप छोड़ती है। उनके विचार हमें जीवन की सच्चाई दिखाते हुए कठिन परिस्थितियों में भी सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
प्रेमचंद जी के विचार केवल साहित्य तक सीमित नहीं थे। उन्होंने अपने विचारों के जरिए लोगों को समाज की वास्तविकता से रूबरू कराया और जीने का नया नजरिया दिया। जब आप उनके विचार पढ़ेंगे, तो महसूस करेंगे कि उन्होंने एक साहित्यकार के साथ-साथ समाज और मानवता की सेवा का भी कार्य किया है।
इस लेख में दिए गए प्रेमचंद के उद्धरण आपको जीवन की चुनौतियों से लड़ने की हिम्मत देंगे और आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे। तो इन कोट्स को जरूर पढ़ें, समझें, और अपने जीवन में उतारें ताकि आप भी जीवन की कठिनाइयों का सामना साहस और आत्मविश्वास से कर सकें।
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Contents
Premchand Quotes in Hindi
- “जिंदगी की सच्चाई यही है कि हमें खुद को बदलना होगा।”
- “पैसे की लालच ने इंसान को इंसानियत से दूर कर दिया है।”
- “जहाँ भी असमानता है, वहाँ संघर्ष भी है।”
- “हमेशा अपने इरादों को मजबूत रखें, क्योंकि इरादे ही हमारे भाग्य का निर्माण करते हैं।”
- “एक सच्चे लेखक का काम है समाज की सच्चाइयों को उजागर करना।”
- “अतीत चाहे दु:खद ही क्यों न हो, उसकी स्मृतियाँ मधुर होती हैं।”
- “जो धर्म हमारी आत्मा का बंधन हो जाए, उससे जितनी जल्दी हम अपना गला छुड़ा लें, उतना ही अच्छा है।”
- “प्रतिभा तो गरीबी में ही चमकती है, दीपक की भाँति जो अँधेरे में अपना प्रकाश दिखाता है।”
- “डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूँगा हो जाता है।”
- “ईमान का सबसे बड़ा शत्रु अवसर है।”
- “रुपए का लोभ आदमी को शक्की बना देता है।”
- “जिस बंदे को दिन की पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए इज्जत और मर्यादा सब ढोंग है।”
- “दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है।”
- “अन्याय होने पर चुप रहना, अन्याय करने के ही समान है।”
- “मन एक वीर शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है।”
- “देश का उद्धार विलासियों द्वारा नहीं हो सकता, उसके लिए सच्चा त्यागी होना आवश्यक है।”
- “चिंता एक काली दीवार की भांति चारों ओर से घेर लेती है, जिसमें से निकलने की फिर कोई गली नहीं सूझती!”
- “सिर्फ उसी को अपनी संपत्ति समझो जिसे तुमने परिश्रम से कमाया हो।”
- “जब तक कोई मुंह पर बात न कहे, यही समझना चाहिए कि उसने कुछ नहीं कहा।”
- “आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन, उसका अहंकार है।”
- “जिन वृक्षों की जड़ें गहरी होती हैं, उन्हें बार-बार सींचने की जरूरत नहीं होती।”
- “सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं।”
- “अमीरी की कब्र पर पनपी हुई गरीबी बड़ी जहरीली होती है।”
- “चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता, जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएं।”
- “जिस प्रकार नेत्रहीन के लिए दर्पण बेकार है, उसी प्रकार बुद्धिहीन के लिए विद्या बेकार है।”
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- “न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं। वह जैसा चाहती है, नचाती है।”
- “दूसरे के लिए कितना ही मरो, तो भी अपने नहीं होते। पानी तेल में कितना ही मिले, फिर भी अलग ही रहेगा!”
- “सोने और खाने का नाम जिंदगी नहीं है, आगे बढ़ते रहने की लगन का नाम जिंदगी है।”
- “माता का हृदय दया का आगार है। उसे जलाओ तो उसमें दया की ही सुगंध निकलती, पीसो तो दया का ही रस निकलता है।”
- “बल की शिकायतें सब सुनते हैं, निर्बल की फरियाद कोई नहीं सुनता।”
- “माँ की ‘ममता’ और पिता की ‘क्षमता’ का अंदाज़ा लगा पाना असंभव है।”
- “मोहब्बत रूह की ख़ुराक है, यह वह अमृत है जो मरे हुए भावों को ज़िंदा कर देती है।”
- “क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात कहने के बजाय दूसरों के हृदय को ज़्यादा दुखाता है।”
- “कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता, कर्तव्य पालन में ही चित्त की शांति है।”
- “मासिक वेतन पूरनमासी का चाँद है। जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है।”
- “दुनिया में विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई भी विद्यालय आज तक नहीं खुला है।”
- “जब कोई बात हमारी आशा के विरुद्ध होती है, तभी दुख होता है।”
- “रोने के लिए हम एकांत ढूंढते हैं, हंसने के लिए अनेकांत।”
- “जो दूसरे का गड्ढा खोदेगा, उसके लिए कुआं तैयार है।”
- “स्त्री गालियाँ सह लेती है, मार भी सह लेती है, पर मैके की निंदा उससे नहीं सही जाती।”
- “विचार और व्यवहार में सामंजस्य न होना ही धूर्तता है, मक्कारी है।”
- “मैं एक मजदूर हूँ। जिस दिन कुछ लिख न लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।”
- “नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, यह तो पीर का मजार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए—नमक का दारोगा।”
- “दुःखी आशा से ईश्वर में भक्ति रखता है, सुखी भय से।”
- “जो कभी रो नहीं सकता, वह प्रेम नहीं कर सकता। रुदन और प्रेम, दोनों एक ही स्रोत से निकलते हैं।”
- “आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपना घर याद आता है।”
- “कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरूरत पड़ती है।”
- “निराशा संभव को असंभव बना देती है।”
- “मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है।”
- “अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती है, पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं।”
सारांश
हम आशा करते हैं कि इस लेख में दिए गए Munshi Premchand Quotes in Hindi आपको जरूर पसंद आए होंगे। इन्हें अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ शेयर करना न भूलें, ताकि वे भी प्रेमचंद जी के विचारों से प्रेरित हो सकें और जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
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